Wednesday, March 30, 2011

भ्रष्टाचार में हम ज़रा से चूक गए, होना तो था नंबर-१ ... !!

किसी ने झूठे ख़्वाब पाल रक्खे हैं जहन में
सच ! क्या कोई है जो तूफ़ान रोक पाया है !
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भ्रष्टाचार में हम ज़रा से चूक गए, होना तो था नंबर-
सच ! खैर कोई अफसोस नहीं, नंबर- पर ही सही !
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कोई कुछ भी कहे या भी कहे, पर सच-सच्चाई तो यही है
जिस लेखन में सेक्स का तड़का लगे, ज्यादा है पढ़ा जाए !
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सच ! ये न्यूज चैनल्स, देश का कुछ भला, कर भी नहीं सकते
इसमें दो राय नहीं, भड़का भड़का कर दर्शकों को दंगाई बना दें !
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जज्बात, अश्क, वादे, लहू, दिन, रात, जिंदगी
उफ़ ! क्या क्या बहा, दिल के टूट जाने पर !
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सच ! ज़रा जल्दी सो जाओ, मुझे तुम्हारे ख़्वाब में आना है
जीत तो जायेंगे ही, मुझे तुम्हें ख़्वाब में ही ये खुशी देना है !
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करें तो क्या करें, जग के यही हालात नजर आते हैं
अच्छे-सच्चे, पाखंडियों की भीड़ में नजर आते हैं !
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तुम
किसी मीनार पे बैठ, चिल्लाओगे तो पैगाम होगा
मैं जमीं पे बैठ के, गर सजदा करूं, तो दिल्लगी होगी !
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फिर नया अंदाज, नया ख्याल है ये
लगे जैसे, नए दौर की नई राह है ये !
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तूफां, जलजला, क़यामत, बवंडर, सैलाब, सुनामी, भूकंप
जाने क्या क्या समा होगा, आज के भारत-पाक मैच में !!

2 comments:

संजय भास्‍कर said...

न जाने क्या क्या समा होगा, आज के भारत-पाक मैच में !!
........जलजला........जलजला.....जलजला

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

अभी भी क्या बिगड़ा है. अगले साल टाप करेंगे.