"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Sunday, October 31, 2010
सन्देश
दीवाली में दीप जलाएं द्वारे-द्वारे फूल सजाएं आँगन आँगन रंग बिछाएं चलो चलें हम 'दीप' बने, और खुशी का गीत बनें गाँव, शहर, प्रदेश, देश में विकास का सन्देश बनें !
9 comments:
हर चेहरे पर हंसी खुशी धरें।
सुन्दर सन्देश .. आमीन
.
गाँव, शहर, प्रदेश, देश में
विकास का सन्देश बनें !
Beautiful message
!
सन्देश देती हुई सुंदर रचना ,बधाई
ये लाइनें तो कोई पार्टी चुरा लेगी..
बहुत सुन्दर भाव व्यक्त करती पंक्तियाँ।
कम शब्दों में बहुत सुन्दर........ सन्देश
सुंदर संदेश जी धन्यवाद
Behad sundar sandesh! Diwali kee anek shubhkamnayen!
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