अनुशासन में जीवन जीना
संभव नहीं, असंभव है !
इमानदारी से काम करना
संभव नहीं, असंभव है !
सास - बहु में मीठी वाणी
संभव नहीं, असंभव है !
हंसते हंसते जीवन जीना
संभव नहीं, असंभव है !
सच्चाई का साथ निभाना
संभव नहीं, असंभव है !
प्रेम के वादे निभा पाना
संभव नहीं, असंभव है !
पाप-पुण्य का भेद समझना
संभव नहीं, असंभव है !
राजनीति में अनुशासन
संभव नहीं, असंभव है !
भ्रष्टाचार मिटा पाना अब
संभव नहीं, असंभव है !
गांधी जी की राह पकड़ना
संभव नहीं, असंभव है !!
15 comments:
बहुत बढ़िया रचना ....
Asambhav ko sambhav kar pana sambhav hai! Koshish karen dant ke to kya asambhav hai?
vaah bhaayi vaah aapkaa achchaa likhna smbhv he lekin is pr lekhn se behtrin tippni asmbhv he achchi kvita . akhtar khan akela kota rajsthan
श्याम भाई, जीवन के कटु सत्य को आपने अपनी गजल में बहुत खूबसूरती से पिरो दिया है। बधाई स्वीकारें।
................
वर्धा सम्मेलन: कुछ खट्टा, कुछ मीठा।
….अब आप अल्पना जी से विज्ञान समाचार सुनिए।
सुन्दर रचना
आज के हालात तो यही हैं
क्या सटीक उदाहरण प्रस्तुत किये हैं आपने।
bade garv se aaj ye kah paa rahee hoo ki mai aapse sahmat nahee hoo.............
आपसे असहकति की गुंजाइश नहीं है।
बहुत अच्छी प्रस्तुति
1/10
साधारण तुकबंदी
.
Uday ji,
Nothing is impossible in this world. Try to see beyond impossible, everything is possible there.
.
इतनी बेह्तरीन रचना पर:
टिप्पणी न देकर के जाना
संभव नहीं, असंभव है !
:)
बहुत सुन्दर रचना बधाई !
इतनी असंभावित बातों का संभव होना असंभव है ।
बढ़िया रचना उदय जी ।
यह तो गज़ब का लिख दिया उदय जी ! शुभकामनायें
Post a Comment