Monday, August 30, 2010

झूठा

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वो भी सच था, मैं भी सच था
गल्त क्या था, जब सब झूठा था

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6 comments:

kshama said...

Ye bhi koyi baat hui?

ब्लॉ.ललित शर्मा said...


वाह-वाह,बहुत बढिया-उम्दा पोस्ट के लिए आभार

खोली नम्बर 36......!

Rahul Singh said...

भ्रम पैदा करने की समर्थ पंक्तियां. द्वैतवाद है या अनेकान्‍तवाद.

Manish aka Manu Majaal said...

वो गाना है न, 'जिंदगी ख्वाब है, ख्वाब में, झूठ क्या, और भला सच है क्या ?!'

Smart Indian said...

हुई उषा तो टूटा पल में
भोर का मीठा सा सपना था

प्रवीण पाण्डेय said...

सपना टूटा, समझ गया मैं,
सच तो सच था, झूठ नहीं था।