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वो भी सच था, मैं भी सच था
गल्त क्या था, जब सब झूठा था
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वो भी सच था, मैं भी सच था
गल्त क्या था, जब सब झूठा था
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6 comments:
Ye bhi koyi baat hui?
वाह-वाह,बहुत बढिया-उम्दा पोस्ट के लिए आभार
खोली नम्बर 36......!
भ्रम पैदा करने की समर्थ पंक्तियां. द्वैतवाद है या अनेकान्तवाद.
वो गाना है न, 'जिंदगी ख्वाब है, ख्वाब में, झूठ क्या, और भला सच है क्या ?!'
हुई उषा तो टूटा पल में
भोर का मीठा सा सपना था
सपना टूटा, समझ गया मैं,
सच तो सच था, झूठ नहीं था।
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