ने कत्ले-आम,
तो आतंकियों ने -
तो आतंकियों ने -
धमाकों से
गाँव-गाँव,
गाँव-गाँव,
शहर-शहर को
खून से -
खून से -
लत-पथ कर दिया ।
रही-सही कसर को
भ्रष्टाचारियों ने -
रही-सही कसर को
भ्रष्टाचारियों ने -
पूरा कर दिया
आम इंसान का
आम इंसान का
अपने ही
मुल्क में -
मुल्क में -
जीना दूभर कर दिया।
4 comments:
आम इंसान का अपने ही
मुल्क में जीना दूभर कर दिया।....बिल्कुल जायज बात कही है आपने......आभार.
Ye sabhi aam insanon me se hee paida hue hain! Hamari ye zahniyat hai,ki,jab tak hamare gharko aag nahi lagti,tab tak pardukh: sheetal!Aam aadami kee balaa se ,chahe pados me bahuko jalake maar diya jaye!
भ्रष्टाचारियों को मोत आ जाये देश अपने आप सुधर जायेगा
बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पार आना हुआ
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