मैं जानता हूं ... ब्लागवाणी, चिट्ठाजगत न किसी से पैसा ले रहे हैं और न ही मांग कर रहे हैं .... न ही किसी टाप ब्लागर को "पदम श्री" अवार्ड मिल रहा है और न ही किसी के ऊपर धन की वर्षा हो रही है ... फ़िर क्यों सभी ब्लागर ये नहीं चाहते कि ब्लागिंग के अनियमित व अव्यवहारिक सिस्टम में ... जिसके कारण कोई भी पोस्ट या ब्लाग ... अव्यवहारिक रूप से ऊपर-नीचे हो रहा है ...
... क्यों पोस्टें पसंद/नापसंद के चटके का शिकार हो रहीं हैं ... क्यों हवाले/घोटाले के कारण ब्लाग ऊपर-नीचे हो रहे हैं .... क्यों और कब तक ये फ़र्जीवाडा चलता रहेगा ... क्यों हम इस अव्यवहारिक/अनियमित सिस्टम को जड से नष्ट करने पर विचार नहीं कर रहे हैं .... कब तक ... कब तक ऎसा चलता रहेगा कि चंद लोग पसंद/नापसंद के चटके तथा हवाले/घोटाले के बलबूते पोस्टों व ब्लागों को ऊपर-नीचे करते रहेंगें ...
... क्या अच्छे ब्लागर / अच्छी पोस्ट .... यूं ही घटिया और बिन सिर-पैर के सिस्टम के शिकार होते रहेंगे ... क्यों आज हम सब इस सिस्टम में सुधार की दिशा में सार्थक कदम नहीं उठा रहे हैं ... कब तक ऎसा घिनौना खेल चलता रहेगा ... कब तक लोग ब्लागिंग से पलायन करते रहेंगे ...
... क्या ये ब्लागिंग के हित में है ... नहीं ... नहीं ... नहीं ... कब तक ये फ़र्जीवाडा चलता रहेगा ... मेरी पिछली पोस्ट पर टाप ब्लागर टिप्पणी करने से क्यों कतरा रहे हैं ... वे खुद आगे आकर इस सिस्टम में सुधार के लिये पहल क्यों नहीं करना चाहते .... जय हो फ़र्जीवाडे की ... !!!!
26 comments:
उदय भाई जय जोहार्………… बने लगावत रथस गोहार अर्जी-फरजीवाड़ा के चक्कर मा जादा झन पड़। महू देख लेंव । चलन दे जइसन चलथे गाड़ी। हम तो भइया बने रहिबो अनाड़ी।
टॉप के ब्लॉगर गलती से आपकी पोस्ट को टाप के निकल जाते होंगे और उन्हें बेध्यानी में पता ही नहीं चलता होगा कि अपने 'उदय' भाई ने कोई पोस्ट भी लिखी है :-)
@सूर्यकान्त गुप्ता
... भाई जी ... ब्लागिंग अंधेर नगरी चौपट राजा हो गई है ... अगर अभी भी इसे सुधारने का प्रयास नहीं किया गया तो .....!!!!!!!
यह ब्लॉगर भी टॉप या फ्लॉप होता है? इनको टॉप कौन बनता है? इनकी ख्यालात या कमेंट्स?
अब क्या किया जा सकता है????????
हमारे स्वामी बाबा ललितानंद तीर्थ जी महाराज ही टाप ब्लागर हैं अभी वे ध्यान मग्न हैं इसलिए टिपिया नहीं पा रहे हैं.
सिस्टम में सुधार के लिए भी गुहार उन्हीं से लगानी होगी तब तक आचार्य जी से सलाह मिल जाए तो अच्छा है.
:):)
....हे धावी एवं मेधावी ब्लॉगरों... उदय जी की पोस्ट पर कमेंट करो..!
:)
आप काहे को टेंशन लेते हैं....
अनामी खोल दो टॉप ब्लागर भी एक्टिव हो जायेगे :)
बड़े बुजुर्ग ब्लॉगर वो का बोलता हैं उन्हें टॉप वाला ब्लॉगर कहत हैं जब उन्हें बीस बार टीपो तब जाके वे एक टीप देंगें हा हा हा
आपके विचारों से सहमत हूँ .
१-ब्लॉग वाणी व चिट्ठाजगत ने जो भी सिस्टम बना रखा है वह बढ़िया है उसे में सुधार की मेरे विचार में कोई जरुरत नहीं
२- सिस्टम का दुरूपयोग ब्लोगर खुद कर रहे है इसलिए सुधार की जरुरत ब्लॉग वाणी व चिट्ठाजगत के सिस्टम में नहीं , ब्लोगर को अपनी मानसिकता सुधारने की जरुरत है |
३- यदि किसी को इन एग्रीगेटरों का सिस्टम गलत लगता है वह इन पर चिल्लपों करने के बजाय इनका बायकाट क्यों नहीं करता ? क्यों इनके साथ चिपका हुआ है ?
३- किसी की पोस्ट यदि उसके चाहने वाले लोगों द्वारा पसंद का चटका लगाने से पोस्ट ऊपर चढ़ती है तो इसमें बुराई क्या है ? आखिर उस ब्लोगर ने अपनी मेहनत से अपना एक प्रसंसक पाठक वर्ग तैयार किया है | भले ही वह अपनी लेखनी के जरिये किया हो या अपने संपर्कों के जरिये |
सहमत हूँ आप बजा फरमा रहे हैं -अगर सिस्टम का दुरूपयोग हो रहा है और सिस्टम के जिम्मेदार ध्रितराष्ट्र बने बैठे हैं तो यह भी आपत्तिजनक है !
पुनः: नो कमेंट!
भाई अगर टॉप के ब्लोगर होते
तो हम अवश्य टिपण्णी करते ।
वैसे अगर विषय बदलें तो ज्यादा आनंद आएगा ।
मुझे लगता है आप टाप के ब्लागर हैं जो कम से कम मेरे ब्लाग पर टिप्पणी करने नही आते इतना भी बुरा नही लिखती। सब से उमीद क्यों? वैसे आज कल आप कुछ खफा से लगते हैं। सब ठीक हो जायेगा। शुभकामनायें। वैसे टाप ब्लागर हैं कौन से????????? जो कहीं टिप्पणी नही देते?
वैसे टाप ब्लागर हैं कौन से????????? जो कहीं टिप्पणी नही देते?आपके विचारों से सहमत हूँ .
Pasand/napsand chatkha kyon uplabdh hai,yah baat samajh nahi aayi..
shama ji sahi kah rahi hain ye option hi khatam kar di jaayein to shayad baki ke bloggers ko kuch to rahat mile ..........vaise is taraf dhyan hi mat dijiye aur apna karm karte rahiye.
आपके सवाल जायज़ हैं, इनके उत्तर खोजे जाने चाहिए।
--------
भविष्य बताने वाली घोड़ी।
खेतों में लहराएँगी ब्लॉग की फसलें।
नहीं कतरा रहा हूँ भाई!
ये लो मेरी टिपण्णी!
यहाँ बड़ा टॉप टॉप का शोर है... काम की बात ब्लोगिंग पर आज कल कम हो रही है. शोर और शिकायत ज्यादा.
पता नहीं हम कब टॉप(?) होंगे.
आपकी चिन्ता से सहमत हूँ - कई बार अच्छी रचनाएं टिप्पणियों के लिए तरसतीं रह जातीं हैं - यदि गलती से टिप्पणी आ भी गई तो वही चलतऊ टिप्पणी - जिससे हमलोग बस टिप्पणी करने की रीति भर निभाते हैं।
ब्लागिंग की दुनिया में आजकल गम्भीर टिप्पणियों या सलाहों का अभाव निरन्तर बढ़ता दिख रहा है। रहा टाप का सवाल - मेरे हिसाब से हर कोई अपने अपने क्षेत्र में टाप ही है। सिर्फ मेहनत और लगन ही किसी को टाप पर ले जाती है।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
यह टाप ब्लागर की परीभाषा क्या है ?
उदय जी , पिछले कुछ दिनों से आपकी सारी पोस्टें पढ रहा हूं । समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर टिप्पणी क्या की जाए । टौप बौटम सिर्फ़ ब्लोगवाणी और चिट्ठाजगत का ही क्राईटेरिया है वो भी ऐसा कि सब कुछ लेखन पर ही निर्भर करता सा है । चिट्ठाजगत सक्रियता क्रम को दर्शाता है तो ब्लोगवाणी ताजी पोस्ट हलचलों के हिसाब से अपने आंकडे दिखाता है । हो सकता है कि इन एग्रीगेटर्स की कुछ तकनीकी मजबूरियां भी हों । अन्य बहुत से संकलक जैसे , रफ़्तार , हिंदी ब्लोग्स अब इंडिल आदि में ऐसी कोई बात नहीं है । और ब्लोग्गर कोई भी टौप या बौटम नहीं है ..टौप या बौटम है उसका लेखन , जो उसकी पोस्ट उसकी टिप्पणी में दिख ही जाता है । आप बीबीसी ब्लोग्स, जागरण जंक्शन , नवभारत टाईम्स ब्लोग्स पढिए देखिए कितना आनंद आएगा । छोडिए ये सब और अपने मन की लिखिए .........। शुभकामनाएं
माफ़ी के साथ ये टाप का ब्लोग्गर आपकी पोस्ट पर टिपण्णी करते हुए आपसे सहमत होता है कि
इस फर्जीवाड़े को रोकना ही होगा हम आपके साथ है.
जय हिंद
Post a Comment