ब्लागजगत में कूदे हुये मुझे जुम्मा-जुम्मा ही हुआ है ... ले-दे के लिख-पढ लेता हूं ... कुछ दिनों पहले ही "चैटिंग" सीखना शुरु किया ... "चैटिंग" के दौरान नमस्कार-चमत्कार का सिलसिला चल पडा ... अब हुया ये कि एक दिन एक दिल-अजीज ब्लागर मित्र ने चैटिंग के दौरान फ़ोन पर बात करनी चाही ... उधर से फ़ोन की घंटी चालू पर इधर मुझे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा ... चैट पर ही मैने कहा भाई जी अभी अभी सीख रहा हूं कुछ समय लगेगा ....
... दो-चार दिनों के बाद फ़िर अजब संयोग हुआ ... चैटिंग के दौरान वीडियो पर आमने-सामने वार्तालाप की बात उठ गई ... फ़िर मैने कहा भाई जी ... अभी मैं नौसिया हूं कुछ आता-जाता नहीं है ... बात आई-गई हो गई ...
... पर कल सुबह-सुबह भाई गिरीश बिल्लोरे जी (मेरी जन्मभूमि मध्यप्रदेश के धुरंधर ब्लागर) से गुडमार्निंग हो रही थी तो वो अचानक "पाडकास्ट" पर बात करने का कहने लगे ... मैं सोच में पड गया कि ये पाडकास्ट क्या बला है ... क्या कहूं ...
... इसी दौरान हमर छत्तीसगढ के धुरंधर ब्लागर भाई ललित शर्मा जी से भी "राम राम" हो रही थी ... मन में उठा प्रश्न मैने सीधा उन पर दाग दिया ... वो बोले, बिलकुल सटीक बोले ... अब ये मत पूछना कि वो क्या बोले!! ... चर्चा जारी ही थी और भाई गिरीश जी को भी जवाब देना था ... मैं सोचा झूठ भी नहीं बोल सकता ... मैंने लिख कर ठोक दिया ... मेरा "तरा-रम-पम" (कम्प्यूटर) कुछ बोल-सुन नहीं सकता !!
... जवाब पढकर गिरीश भाई ... हा हा हा ... कह कर हंस पडे ... इस चैटिंग में मध्यस्थता कर रहा मेरा "तरा-रम-पम" (कम्प्यूटर) भी मुस्कुरा दिया ... उसकी मुस्कुराहट देख कर मैं समझ गया कि वो कह रहा है कि अब दूसरा .... कम्प्यूटर ले आओ मैं बच्चों के साथ "गेम" खेलने में मस्त रहूंगा और तुम "कडुवा सच" को छोडकर वीडियो कांफ़्रेंसिंग / पाडकास्ट में मस्त हो जाना ... उसके मन की बातें सुनकर मुझे भी हंसी आ गई ... !!!
( यह पोस्ट कल सुबह चैटिंग के दौरान उपजी मस्ती के उपरांत मेरे मन में आई ... इसे कल शाम को लिखकर पोस्ट करने का मन था ... पर शाम को तत्कालीन उपजी परिस्थितियों के कारण इसे लिख नहीं पाया ... इसके स्थान पर पिछली (कल प्रकाशित) पोस्ट को लिख कर पोस्ट कर दिया था जो आज प्रस्तुत है )
8 comments:
लेना ही पड़ेगा नया कम्प्यूटर
अच्छा लिखा है
"तरा-रम-पम"!!!
"तरा-रम-पम"!!!
....bahut achhaa lagaa padhakar.
अब हमे यह बताओ कि यह .....
"तरा-रम-पम"!!! क्या है जी??
"तरा रम पम" का उद्धार किजिए
और नया लेकर आइए, पुराना बच्चों के गेम खेलने के काम आएगा। यह निर्णय सही है।
नया आने से बाजा भी तेजी से फ़ाड़ा जाएगा
और असर भी दूर तक होगा।
धमाका भी जोर का होगा।
वाह बहुत बढ़िया लगा पढ़कर! उम्दा प्रस्तुती!
ले ही आओ अब कम्प्यूटर नया...:)
वाह...आपने बहुत बढ़िया नाम रखा है अपने इस "तरा रम पम"...ऊप्स!...सॉरी ..कंप्यूटर का ...
अब तो नया ले ही लीजिए
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