Monday, March 15, 2010

शेर

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आज की रात, फ़िर तन्हाई है
कल की सुबह, कल देखेंगे ।
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असर करती हैं दुआएं, तो बददुआएं भी करती हैं
किसी को छेडो, तो जरा सोच के छेडो ।
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बदलेंगे हालात भी मेरी जरुरत के माफ़िक
'उदय' का साथ है तो ये दौर भी गुजर जायेगा ।
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3 comments:

Neeraj Kumar said...

wah-Uday sahab-wah!

Dev said...

असर करती हैं दुआएं, तो बददुआएं भी करती हैं
किसी को छेडो, तो जरा सोच के छेडो ।

जबरदस्त पंक्ति ........बहुत खूब लिखा आपने

BrijmohanShrivastava said...

कल की कल देखेंगे एक बेफिक्री दर्शाती बात | सही है दुआ और बददुआ दोनो असर करती हैं ,छेड़ो ही तो मत || आपको अपने हालात सुधारने की तो उम्मीद है क्योंकि आप के साथ तो आप हैं ,हमारे साथ तो कोइ नहीं