कुछ यादें, रश्में, जज्बे, वादे, सहेज लें हम
सफ़र लंबा है, थकेंगे, थकान दूर कर लेंगे !
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कोई बात नहीं, पीठ अपनी है तो क्या हुआ
ठोक देते हैं, हक़ तो बनता है ठोकने का !
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हमने सुना था, बहुत बड़ा आदमी है, आज सुबह
वह राम राम का जवाब, राम-राम से नहीं दे पाया !
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कहीं छटपटाहट, कहीं मौज है
क्या लोकतंत्र की यही रीत है !
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अब तो हमें, अपनी ही खबर नहीं रहती
क्या कहें, कोई पूछे जब, मिजाज कैसे हैं !
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जहर के जाम, और बेवफाई की तौमत, अफसोस नहीं
गुमनाम सही, मेरे नाम से तेरी महफ़िल रौशन तो है !
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ये आठवां नहीं, पहला अजूबा है 'उदय'
जो चाहता है, उसी के काम आता है !!
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सच ! कोई जलाता रहा, कोई बुझाता रहा
सारे दिन सुलगता रहा चिराग प्यार का !
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प्रेम तक तो ठीक है, पर ये भाईचारा
सच ! बना रहे, आखिर बुराई क्या है !
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दिल तो दिल है 'उदय', संभाले कहां संभलता है
सच ! जितना रोकोगे, उतना ही मचलता है !!
11 comments:
वह बहुत बङा आदमी है राम-राम का जवाब राम-राम से नही दे पाया ,सच्ची बात जो बिल्कुल ही कङवा सच है ।
दिल तो दिल है 'उदय', संभाले कहां संभलता है
सच ! जितना रोकोगे, उतना ही मचलता है !!
...........सच्ची बात कङवा सच है ।
दिल तो दिल है 'उदय', संभाले कहां संभलता है
सच ! जितना रोकोगे, उतना ही मचलता है !!
...........सच्ची बात कङवा सच है ।
हमने सुना था, बहुत बड़ा आदमी है, आज सुबह
वह राम राम का जवाब, राम-राम से नहीं दे पाया !
बहुत सटीक टिप्पणियाँ....
हमने सुना था, बहुत बड़ा आदमी है, आज सुबह
वह राम राम का जवाब, राम-राम से नहीं दे पाया !
यही सच्चाई है…………सटीक व्यंग्य्।
achchhe sher ,,,,samyik visangatiyon par .
सभी शेर एक से बढकर एक हैं। बधाई स्वीकारें उदय भाई।
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अंतरिक्ष में वैलेंटाइन डे।
अंधविश्वास:महिलाएं बदनाम क्यों हैं?
वाह, बल्लियों उछल रहा है।
दिल तो दिल है मित्र उछलने दो।
आभार
नए मिजाज़ का है ये शहर दोस्त |
जरा फासले से ही मिला करो |
सुन्दर रचना |
दिल तो बड़ा उछलता है।
इस पृष्ठ की तीन पोस्टों में यह सबसे अच्छी लगी।
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