कडुवा सच ...
"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Monday, December 29, 2014
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ …
बस, … इस साल के
एक-दो सुट्टे … बचे हैं दोस्त
दम लगा के …
खैंच लो,
फिर ? … फिर क्या … !!
नया साल सुलगने लगेगा…?
Saturday, December 20, 2014
औघड़-फक्कड़ ...
चलो निपट गया
एक……… और कुंभ
कुछेक स्वयम्भुओं …
को पुण्य मिल गया ?
…
आज, तमाम अपराधी संदेही हैं, या फरार हैं
अब और, ………… हम क्या कहें 'उदय' ?
…
सच ! न टोपी, न टीका, न माला, न टोटके
हम कैसे मान लें 'उदय', कि तुम ज्ञानी हो ?
....
क़ुबूल हों तुम्हें …
तमगे, दुशाले औ समारोहों की चका-चौंध
हम ! …… हम तो ठहरे औघड़-फक्कड़ ?
Tuesday, December 16, 2014
कुचल दें ...
कोमल पंखुड़ियाँ मसल दी हैं
कल …
कुछ जालिमों ने,
तब से अब तक
रोम तक कंप-कंपा रहे हैं मेरे,
करूँ तो क्या करूँ …
मैं अकेला हूँ,
चलो मिलकर …
कुचल दें
हुकूमत जालिमों-जल्लादों की ?
Monday, December 8, 2014
हौले हौले
उनके, रंज-औ-गम दोनों फर्जी हैं
सच ! वो बहुत बड़े नकलची हैं ?
…
सच ! चित्त भी उनकी है, औ पट्ट भी उनकी
बस, खड़े सिक्के पे उनका जोर नहीं चलता ?
....
गर जिंदगी शराब है, तो तू मैकदा है
बता, छक कर पियें, या हौले हौले ?
…
हाईकू
--
जो तू कहे …
ओढ़ लूँ,
या बिछा लूँ ?
Saturday, December 6, 2014
कबूतर …
पक्षियों का समूह ...
Tuesday, December 2, 2014
माजरा ...
'खुदा' की कसम, वो बड़े जल्लाद हैं
रहम पाकर भी, ..... मस्ता रहे हैं ?
…
कुछ इस तरह का माजरा है 'उदय'
शक्ल भेड़िये-सी है, पर उसे बाघ बता रहे हैं लोग ?
....
मुफलिसी के किस्से भी बड़े अजीब हैं
वो कहते हैं, कि हम तुमसे अमीर हैं ?
…
सच ! तूने, होंठों से छूकर मुझे डायमंड बना दिया
वर्ना जिंदगी किसी पत्थर से कम नहीं थी अपनी ?
…
हम तो तुम्हें चाहते ही रहेंगे
बस तुम, …
जी को मचलने मत देना ??
…
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