"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
कब इस विषवृत्ति से बाहर आयेंगे हम।
आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [16.09.2013]चर्चामंच 1370 पर कृपया पधार कर अनुग्रहित करें सादर सरिता भाटिया
कडुआ सच !latest post कानून और दंडatest post गुरु वन्दना (रुबाइयाँ)
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कब इस विषवृत्ति से बाहर आयेंगे हम।
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चर्चामंच 1370 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
सादर
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