Saturday, September 14, 2013

अभिशाप ...

आज का नेता 
लोकतंत्र के लिए 
बनते जा रहा है अभिशाप ?
क्योंकि -
वह 
सुबह-शाम 
करते रहता है 
जाति और धर्म का जाप ?? 

3 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

कब इस विषवृत्ति से बाहर आयेंगे हम।

Guzarish said...

आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [16.09.2013]
चर्चामंच 1370 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
सादर
सरिता भाटिया

कालीपद "प्रसाद" said...


कडुआ सच !
latest post कानून और दंड
atest post गुरु वन्दना (रुबाइयाँ)