01
खुद का, खुद से, खुद हो जाना, 'खुदा' हो जाना है 'उदय'
कब हम करेंगे ये करिश्मा ये बताओ तो जरा ?
02
कुछ रोशनी खुद की भी जगमगाने दो
सिर्फ दिये काफी नहीं गरीबों के लिए !
( दिये = दीप, दीपक )
03
फ़िराक में तो थे कि वो 'खुदा' कहला जाएं मगर
दो घड़ी की रौशनी भी वो दे ना सके !
04
किस बात पे रोएं या किस बात पे हंसे
सारा जग है भूल-भुलैय्या ?
05
हमारी आशिकी भी इक दिन उन्हें रुला देगी
जिस दिन उन्हें कोई उनसा मिलेगा !
06
कुछ महक सी है फिजाओं में
कोई आस-पास है शायद !
07
मेरे निबाह की तू फिक्र न कर
कोई और भी सफर में साथ है मेरे !
( निबाह = निर्वाह, गुजारा, साथ )
08
गर तुझको 'खुदा' का खौफ है तो पीना छोड़ दे
वर्ना ये बता, 'खुदा' ने कब कहा पीना गुनाह है ?
09
यूँ तो, वक्त के साथ फरिश्ते भी बदल जाते हैं
फिर किसी पे क्यूँ करें एतबार उतना ?
10
सारा शहर जानता है उनके सारे इल्जाम झूठे हैं
मगर फिर भी, कचहरी लग रही है !
~ उदय
खुद का, खुद से, खुद हो जाना, 'खुदा' हो जाना है 'उदय'
कब हम करेंगे ये करिश्मा ये बताओ तो जरा ?
02
कुछ रोशनी खुद की भी जगमगाने दो
सिर्फ दिये काफी नहीं गरीबों के लिए !
( दिये = दीप, दीपक )
03
फ़िराक में तो थे कि वो 'खुदा' कहला जाएं मगर
दो घड़ी की रौशनी भी वो दे ना सके !
04
किस बात पे रोएं या किस बात पे हंसे
सारा जग है भूल-भुलैय्या ?
05
हमारी आशिकी भी इक दिन उन्हें रुला देगी
जिस दिन उन्हें कोई उनसा मिलेगा !
06
कुछ महक सी है फिजाओं में
कोई आस-पास है शायद !
07
मेरे निबाह की तू फिक्र न कर
कोई और भी सफर में साथ है मेरे !
( निबाह = निर्वाह, गुजारा, साथ )
08
गर तुझको 'खुदा' का खौफ है तो पीना छोड़ दे
वर्ना ये बता, 'खुदा' ने कब कहा पीना गुनाह है ?
09
यूँ तो, वक्त के साथ फरिश्ते भी बदल जाते हैं
फिर किसी पे क्यूँ करें एतबार उतना ?
10
सारा शहर जानता है उनके सारे इल्जाम झूठे हैं
मगर फिर भी, कचहरी लग रही है !
~ उदय
2 comments:
सुन्दर
wow amazing post, Good Blog i really like it.
Chhattisgarh Tourism Spot
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