Tuesday, February 25, 2014

जोखिम ...

हर कीमत पर वो बिकने को तैयार हैं 
यारो, कोई कीमत लगाओ तो सही ?
… 
जिन्हें, आज… जेल में होना था 'उदय' 
वो भी, प्रधानमंत्री बन्ने की दौड़ में हैं ?
… 
खरीद-फरोख्त का दौर है 
खुद को सम्भालो यारो ?
… 
सच ! चलो माना, कि उनके नाम की हवा है 
पर 'उदय', सब जानते हैं… वह कृत्तिम है ? 
तुम तनिक जोखिम उठाओ तो सही 
हमें देख के 
एक बार मुस्कुराओ तो सही 
कसम खाते हैं … 
"बाई गॉड" … 
तुम्हें…… हम कभी सतायेंगे नहीं ?
… 

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

दुनिया है, सब जानती है