Wednesday, October 23, 2013

अचानक ...

एक दिन, एक शाम 
राह में  
वो मिले, मिलते रहे 

फिर 
अचानक 
गायब हो गए 

शायद 
कोई और 
मिल गया हो उन्हें ?

3 comments:

Rajendra kumar said...

आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (25-10-2013) को " ऐसे ही रहना तुम (चर्चा -1409)" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है.

प्रवीण पाण्डेय said...

सच है, आजकल तो पथ भी भटक जाते हैं।

Pratibha Verma said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।