बड़ी अजीबो-गरीब कहानी है, मंजर भी तूफानी है
ऐंसे भी हालातों में,…… हमने लड़ने की ठानी है !
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उसकी मजार पे, जलता चराग हमने कभी बुझता नहीं देखा
सच ! उसकी रूह भी 'उदय', उसकी तरह ही जिद्दी निकली ?
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ऐंसे भी हालातों में,…… हमने लड़ने की ठानी है !
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उसकी मजार पे, जलता चराग हमने कभी बुझता नहीं देखा
सच ! उसकी रूह भी 'उदय', उसकी तरह ही जिद्दी निकली ?
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शायद ! अब उसे, समझ में आ गया होगा 'उदय'
कैसे होते हैं, … संत, … राम, … और बापू ??
…
न तो वो सूरत बदलेंगे, और न ही घमंड छोड़ेंगे
दरअसल, वो आज अपनी असल औकात पे हैं ?
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दो दिन की मुफलिसी भी उनसे सही नहीं गई
उफ़ !…… ईमान का सौदा सरेआम कर गए ?
…
3 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
आज की चर्चा : ज़िन्दगी एक संघर्ष -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-005
हिंदी दुनिया -- शुभारंभ
साधू साधू
बेह्तरीन अभिव्यक्ति बहुत खूब
कभी यहाँ भी पधारें
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