दंगा, दंगे, दंगाई, आपस में लड़ रहे हैं सत्ताई
क्या करें अब हम 'उदय', चहूँ ओर हैं सौदाई ?
…
गर वो 'उदय', समय रहते अपनी फितरतों से बाज आ गए होते
तो आज, जेल की रोटी ……………........... नहीं खा रहे होते ?
…
उसके, दिल-औ-जज्बात बड़े शातिर निकले
कल किये वादों से, वो मुकर गए हैं आज ?
…
हाँ, अब लगभग यह तय हो गया है 'उदय', कि वह भगवान है
वर्ना गायब होने की कला आरोपियों में मुमकिन नहीं लगती ?
…
इस बार उन्ने, आँखों से गुस्सा बयाँ किया है यारो
अब 'खुदा' ही जाने, क्या गुस्ताखी हुई है हमसे ??
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क्या करें अब हम 'उदय', चहूँ ओर हैं सौदाई ?
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गर वो 'उदय', समय रहते अपनी फितरतों से बाज आ गए होते
तो आज, जेल की रोटी ……………........... नहीं खा रहे होते ?
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उसके, दिल-औ-जज्बात बड़े शातिर निकले
कल किये वादों से, वो मुकर गए हैं आज ?
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हाँ, अब लगभग यह तय हो गया है 'उदय', कि वह भगवान है
वर्ना गायब होने की कला आरोपियों में मुमकिन नहीं लगती ?
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इस बार उन्ने, आँखों से गुस्सा बयाँ किया है यारो
अब 'खुदा' ही जाने, क्या गुस्ताखी हुई है हमसे ??
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3 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
क्या बतलाऊँ अपना परिचय ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः004
थोडी सी सावधानी रखे और हैकिंग से बचे
सामयिक ,सटीक शेर
latest post गुरु वन्दना (रुबाइयाँ)
सच है..
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