कुंठा कहो, क्रोध कहो, आक्रोश कहो, या विद्रोह कह लो
लेकिन, हाँ…………………… मैं नाराज हूँ तुमसे ?
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चोर, उचक्कों, औ बलात्कारियों का भी हक़ है 'उदय'
संत, … आसा, … राम, … बापू, … कहलाने का ?
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तू, झूठ-मूच ही सही, मिलने का दिन तो मुकर्रर कर
फिर देखें, ………………. 'खुदा' की मंसा क्या है ?
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कुर्सी के चाटूकारों का अब हम क्या करें 'उदय'
जी तो करता है,…उठा-उठा के प्प्प्प्पटक दें ?
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सच ! आज के दौर के ढोंगियों, पाखंडियों, भ्रष्टाचारियों, घोटालेबाजो
मेरा सलाम क़ुबूल करो, कुछ तो है तुम्में जो अब तक सलामत हो ?
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3 comments:
हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} पर कल पहली चर्चा में आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर .... Lalit Chahar
हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} पर कल पहली चर्चा में आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर .... Lalit Chahar
नेटवर्क की सुविधा से लम्बे समय से वंचित रहने की कारण आज विलम्ब से उपस्थित हूँ !
भाद्र पट के आगमन की वधाई !!
यथार्थ व्यंग्य के लिये वधाई !!
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