सच ! अब 'खुदा' ही जाने 'उदय', कितने 'खुदा' हैं वतन में
आज जिसे देखो वही लगा है 'खुदा' कहलाने के जतन में ?
…
वो बड़े जालिम हैं इस तरह पीछा न छोड़ेंगे
फिर किसी मोड़ पे बेशर्म से मिल जायेंगे ?
…
हाँ, शक है हमें, ........... तेरी खुबसूरती पे
चेहरा तेरा, पहले कहीं देखा सा लगता है ?
…
गर, ........................... सिर कटेंगे तो कट जाने दो
पर किसी नाकारा हुक्मरान के आगे न झुकेंगे हम ?
…
सच ! साकी ने मुस्कुरा के हमें प्याला थमा दिया
अमृत समझ के पी गए, हम प्याला जहर भरा ?
…
आज जिसे देखो वही लगा है 'खुदा' कहलाने के जतन में ?
…
वो बड़े जालिम हैं इस तरह पीछा न छोड़ेंगे
फिर किसी मोड़ पे बेशर्म से मिल जायेंगे ?
…
हाँ, शक है हमें, ........... तेरी खुबसूरती पे
चेहरा तेरा, पहले कहीं देखा सा लगता है ?
…
गर, ........................... सिर कटेंगे तो कट जाने दो
पर किसी नाकारा हुक्मरान के आगे न झुकेंगे हम ?
…
सच ! साकी ने मुस्कुरा के हमें प्याला थमा दिया
अमृत समझ के पी गए, हम प्याला जहर भरा ?
…
4 comments:
बहुत ख़ूब
आपकी यह पोस्ट आज के (२६ अगस्त, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - आया आया फटफटिया बुलेटिन आया पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई
हाँ, जितना टालो उतना ही सिर पर चढ़े आते हैं ये लोग !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।
Post a Comment