"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
छोड़़ दिया जब, मन क्यों धरना।
उम्दा खयालात
bahut khoob!
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3 comments:
छोड़़ दिया जब, मन क्यों धरना।
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