क्यूँ जनाब, क्या हुआ ...
क्यूँ ...
चिंता के बादल ...
सिर पे ... मंडराये हैं ?
हुजूर ... बाई !!
कौन-सी ?
बोले तो ??
जनाब ... बोले तो ...
कामवाली ?
नामवाली ?
या दामवाली ?
हुजूर ... आप भी ...
नामवाली ...
दामवाली ... के लिए भी ...
कोई -
टेंशन में रहता है कभी ?
ओह-हो ... यू मीन ...
कामवाली बाई !!
उफ्फ़ ...
अब हम ... क्या कहें !!!
2 comments:
आपकी उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 27/11/12 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका चर्चा मंच पर स्वागत है!
एक लौ इस तरह क्यूँ बुझी ... मेरे मौला - ब्लॉग बुलेटिन 26/11 के शहीदों को नमन करते हुये लगाई गई आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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