सुनो मियाँ ...
हम खुद हमारे 'खुदा' हैं !
और तो और
हम तुम सब के भी 'खुदा' हैं !!
हमें
किसी की परवाह नहीं है
हम जब चाहेंगे तब -
मा...
म...
ला...
मु...
क...
श ...
को, ... या जिसे चाहे -
उसे खरीद लेंगे ?
और
बना लेंगे, जन्नत अपनी ??
जैसे -
बनाई है अब तक ???
1 comment:
सच ही है..
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