Friday, September 14, 2012

म... मा... मु... ???

कुछ तो शर्म करो ... 
म... मा... मु... ?
कुछ तो रहम करो ... 
म... मा... मु... ?
कुछ करो, या न करो ... 
बस इत्ता करो ... 
न सौदा करो, न बेचो खुद को ??
कुछ तो शर्म करो ... 
कुछ तो रहम करो ... 
म... मा... मु... ?????

2 comments:

Unknown said...

सुंदर रचना |
मेरी पोस्ट में आपका स्वागत है |
जमाना हर कदम पे लेने इम्तिहान बैठा है

मन्टू कुमार said...

बहुत खूब....|