"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
यदि नाम के लिए, जी-हुजूरी शर्त है उसकीतो फिर 'उदय', अपुन गुमनाम ही अच्छे बहुत खूब...... इन शर्तों पे नाम किस काम का ?
अच्छा व्यंग..नाम में क्या धरा है...
अपने मन में सब परिचित हैं...
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यदि नाम के लिए, जी-हुजूरी शर्त है उसकी
तो फिर 'उदय', अपुन गुमनाम ही अच्छे
बहुत खूब...... इन शर्तों पे नाम किस काम का ?
अच्छा व्यंग..
नाम में क्या धरा है...
अपने मन में सब परिचित हैं...
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