रंज इस बात का नहीं है, कि वे पढ़कर क्यूँ खामोश हैं ?
खुशी इस बात की है, कि वे मेरे जज्बात पढ़ रहे हैं !
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'खुदा' जाने, उन्हें सपोर्ट की जरुरत है भी या नहीं
ख़ामो-खां दिलों में हल-चल मची है !
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है तो कुछ नहीं,
पर ऐंसा भी नहीं है, कि गुंजाइश नहीं है !
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'खुदा' जाने, उसे क्या मिला है रूठ कर मुझसे
बस इतना सुना है, कि अब वो हंसते नहीं हैं !!
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उनकी मर्जी है, वे मर्जी के मालिक हैं
जिसे चाहें, उसे अपना बाप कहें !
1 comment:
bahut khoob..
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