"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
gahan soch..bahut khoob abki baar hum tootenge nahi...
सागर के रेतकणों को देख कर लगता है कि ये भी कभी चट्टान थे..
Post a Comment
2 comments:
gahan soch..bahut khoob abki baar hum tootenge nahi...
सागर के रेतकणों को देख कर लगता है कि ये भी कभी चट्टान थे..
Post a Comment