Friday, November 25, 2011

चांटा ...

क्या पता
भ्रष्टाचारी मंसूबों पे
जहां
क़ानून-कायदा
बेअसर हो जाए
वहां
चांटा टाईप की कोई चीज
असर कर जाए !
ये कलयुग है मेरे भाई
न जाने
कौन सी दवा -
कब, किस बीमारी पे
काम कर जाए !!

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

भविष्य सुखद हो देश का।

Udan Tashtari said...

बहुत सही!!!