जगजीत सिंह की याद में ...
हार्दिक श्रद्धांजलि ...
उनकी ओर से कुछ पंक्तियाँ ... जो मेरे जेहन में उमड़ पडीं ...
सहेज पाना, नहीं अब मुमकिन
तुम्हारी यादें, यहीं छोड़ जा रहा हूँ !
था ये कैंसा, कारवां जिंदगी का
जिसे छोड़ पीछे, मैं चला जा रहा हूँ !
कभी याद आऊँ, गुनगुना लेना मुझको
गीत सारे, यहीं छोड़ जा रहा हूँ !
हार्दिक श्रद्धांजलि ...
उनकी ओर से कुछ पंक्तियाँ ... जो मेरे जेहन में उमड़ पडीं ...
सहेज पाना, नहीं अब मुमकिन
तुम्हारी यादें, यहीं छोड़ जा रहा हूँ !
था ये कैंसा, कारवां जिंदगी का
जिसे छोड़ पीछे, मैं चला जा रहा हूँ !
कभी याद आऊँ, गुनगुना लेना मुझको
गीत सारे, यहीं छोड़ जा रहा हूँ !
2 comments:
विनम्र श्रद्धांजलि।
विनम्र श्रद्धांजलि ...
समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://mhare-anubhav.blogspot.com/
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