Tuesday, September 6, 2011

... मीडिया / आज या कल !!

मीडिया ... !!
कभी इधर,
कभी उधर हुए थे,
कुछ सच्चे, कुछ झूठे थे !
कहने को तो,
निष्पक्ष ही थे,
पर,
कुछ तेरे, कुछ उसके थे !
बात आई,
जब मतलब की,
तब, तेरे, उसके थे !
पक्ष
विपक्ष
समकक्ष
निष्पक्ष, ये बातें
कुछ मीठी, कुछ तीखी हैं !
जाने भी दो, रहने भी दो
मीडिया ... !!

आज या कल ... !!
चल आजा
मैं जा रहा हूँ
फिर
किसी और को आना है !
कल
परसों
नरसों
किसी न किसी को
फिर किसी को
फिर किसी और को
फिर
पुन: मुझे वापस आना है !
यह सिलसिला
आने-जाने का
आना और जाना है
कभी तुझे
कभी मुझे
आ कर चले जाना है
आज या कल ... !!

4 comments:

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर भावाभिब्यक्ति | धन्यवाद|

प्रवीण पाण्डेय said...

आजकल मीडिया सिस्टम को कोस रहा है।

Dr. Braj Kishor said...

सिस्टम ko हमी बिगाड़ते हैं.

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा मंच-631,चर्चाकार --- दिलबाग विर्क