Wednesday, August 17, 2011

... जज्बात तूफानी हैं !!

किसी ने बेशुमार दौलतें इकट्ठा कर रक्खी हैं
'रब' जाने, पीठ पे बाँध ले जाना मुमकिन हो !
...
तेरी बेफवाई का अब अफ़सोस नहीं है मुझको
सच ! तू वफ़ा भी करती, तो कहाँ तक करती !
...
मैं तो दीवानगी की धुन में तुझ तक चला आया था
उफ़ ! कहाँ थी खबर मुझको, कि तू एक सौदाई है !!
...
कोई किसी को बूढा समझ, खुद को जबां न समझ बैठे
अन्ना हजारे : उम्र चौहत्तर सही, पर जज्बात तूफानी हैं !!

3 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

bahut dino baad aaye, lekin wahi purani dhardar shaili ke saath.

प्रवीण पाण्डेय said...

सुन्दर पंक्तियाँ.

Pratik Maheshwari said...

बेहतरीन पंक्तियाँ.. और यह आंधी अभी थामनी नहीं चाहिए..
कलम भी चले और हम भी!