Monday, January 10, 2011

देखते हैं, कौन क्या उखाड़ लेगा !!

दौलतें हाथ में हों,दिमाग दौड़ पड़ते हैं 'उदय'
हमने गूंगों को भी देखा है, गुनगुनाते हुए !
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तिलस्मी
बाजार है, मुफ्त के रत्न, पत्थर समझ लेते हैं लोग
कहीं ऐसा न हो, रत्न पड़े रहें और कौड़ियां बिक जाएं 'उदय' !
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"जाम, आम, पराग, फूल, खुशबू, जिस्म, यही जिन्दगी है
प्रेम, समर्पण, आस्था, प्रार्थना, भाईचारा, दिखाबा हुआ है !"

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उतनी ठंड नहीं है, इस सर्द में 'उदय'
जितनी गर्मी होती है, सुर्ख नोटों में !

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लूट, लूट, लूट, घोटाले कर लूट,
देखते हैं, कौन क्या उखाड़ लेगा !
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उफ़ ! यार, तुमको ठीक से घोटाले करने भी नहीं आते
मिल बाँट के कर रहे हो, फिर भी बदनामी की तौमत !
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चलो एक काम करो, इस बार बदनामी नहीं चाहिए
एक ऐसी महा योजना बनाओ, जो सिर्फ हमें पता रहे !
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कुछ तो ख़ास है, टूट पड़े हैं लोग शुभकामना देने
सच ! जन्मदिन तो वो सालों से, हैं मनाते आये !
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तेरी खामोशी का असर, मुझ पे उतर आया है
जब से देखा है तुझे, मैं खामोश हुआ बैठा हूँ !

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बदल रहा था रंग, जो गिरगिट सा भीड़ में
कोई कह रहा था उसको, वो पत्रकार है !

14 comments:

Kunwar Kusumesh said...

उतनी ठंड नहीं है, इस सर्द में 'उदय'
जितनी गर्मी होती है, सुर्ख नोटों में !

ज़बरदस्त बात

प्रवीण पाण्डेय said...

आपके अवलोकनों का स्रोत झन्नाट है।

Arun sathi said...

कहीं ऐसा न हो, रत्न पड़े रहें और कौड़ियां बिक जाएं 'उदय' !
ऐसा हो रहा है उदय जी.

संजय भास्‍कर said...

"ला-जवाब" जबर्दस्त!!

संजय भास्‍कर said...

बहुत खूब, लाजबाब !

Sushil Bakliwal said...

कहीं ऐसा न हो, रत्न पड़े रहें और कौड़ियां बिक जाएं 'उदय' !
इस लोकतंत्र में राजसी स्तर पर तो यही चल रहा है ।

Deepak Saini said...

बदल रहा था रंग, जो गिरगिट सा भीड़ में
कोई कह रहा था उसको, वो पत्रकार है !

बहुत खूब, लाजबाब !

अरुण चन्द्र रॉय said...

बेहद प्रभावशाली ग़ज़ल...

राज भाटिय़ा said...

बहुत खुब जी

Arvind Jangid said...

बदल रहा था रंग, जो गिरगिट सा भीड़ में
कोई कह रहा था उसको, वो पत्रकार है !...........बहुत खूब !

मनोज कुमार said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
‘मंहगाई मार गई..!!

गौरव शर्मा "भारतीय" said...

वाह बेहतरीन...
शुभकामनायें !!

उपेन्द्र नाथ said...

har nazm behatarin aur sachchai bayan karti hui.......... sunder prastuti.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

क्या कहूं... तीखा है.. बहुत..