Saturday, February 7, 2009

शेर - 9

चाहें तो सारी दुनिया भुला सकते हैं
न चाहें तो कैसे भुलाएँ हम तुम्हे।

1 comment:

BrijmohanShrivastava said...

सही है हम दुनिया को भुला सकते है परन्तु तुम्हे नहीं क्योंकि हम तुम्हे भुलाना ही नहीं चाहते हैं