लाइफ में किरदार बहुत से आये हैं
बस
इक तेरा ही आना बाकी है
जो छू कर
इस मृत शरीर में हलचल भर दे
लिपट-सिपट कर
इस शरीर को चंदन कर दे
मरा नहीं हूँ
शायद .. जान अभी भी बाकी है
दो बूँद अमृत की
तेरे होंठों से पीना बाकी है
लाइफ में किरदार .... !
~ उदय
बस
इक तेरा ही आना बाकी है
जो छू कर
इस मृत शरीर में हलचल भर दे
लिपट-सिपट कर
इस शरीर को चंदन कर दे
मरा नहीं हूँ
शायद .. जान अभी भी बाकी है
दो बूँद अमृत की
तेरे होंठों से पीना बाकी है
लाइफ में किरदार .... !
~ उदय
1 comment:
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, डॉ॰ विक्रम साराभाई को ब्लॉग बुलेटिन का सलाम “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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