वक्त ने
खेंच के थप्पड़ मारा है
कब ?
किसे ?
क्यों ?
पता नहीं ...
पर
आवाज गूंज रही है !
तुम प्रधान हो, कोई तुर्रम नहीं हो
संभल के रहो
कहीं ऐसा न हो
तुम्हारा गाल भी तिलमिला जाए !!
~ उदय
खेंच के थप्पड़ मारा है
कब ?
किसे ?
क्यों ?
पता नहीं ...
पर
आवाज गूंज रही है !
तुम प्रधान हो, कोई तुर्रम नहीं हो
संभल के रहो
कहीं ऐसा न हो
तुम्हारा गाल भी तिलमिला जाए !!
~ उदय
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