तुम बंदरों की तरह हरकतें करते रहो
कोई न कोई मदारी
खुद-ब-खुद तुम्हें पकड़ लेगा, सहेज लेगा
और
तमाशे दिखाना शुरू कर देगा
इस तरह
तालियाँ गूंजने लगेंगी
सिक्के उछलने लगेंगे
तुम कितने महत्वपूर्ण हो
उपयोगी हो
प्रतिभाशाली हो
सब समझ जाएंगे
फिर ...
एक दिन .. तुम पूजे भी जाओगे
इतिहास में भी रहोगे
बस ... तुम्हें ..... एक मदारी की जरूरत है ?
~ उदय
कोई न कोई मदारी
खुद-ब-खुद तुम्हें पकड़ लेगा, सहेज लेगा
और
तमाशे दिखाना शुरू कर देगा
इस तरह
तालियाँ गूंजने लगेंगी
सिक्के उछलने लगेंगे
तुम कितने महत्वपूर्ण हो
उपयोगी हो
प्रतिभाशाली हो
सब समझ जाएंगे
फिर ...
एक दिन .. तुम पूजे भी जाओगे
इतिहास में भी रहोगे
बस ... तुम्हें ..... एक मदारी की जरूरत है ?
~ उदय
1 comment:
बहुत खूब।
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