01
काश ! तुझसा होता
कोई दूजा
तो ..
यकीन मान, इतनी बेचैनियाँ न होतीं
बात ... तुझसे बिछड़ने की नहीं है
तेरी चाहत की भी नहीं है
बात .. तुझसे हमसफ़र की है
तुझसे .. हमदम ... हमकदम की है .... ?
-------
02
मिजाज बदलें ...
ख्यालात बदलें ...
या ख़्वाहिशें बदल लें ...
जो तुम कहो ... ?
-------
03
भोर तो होनी ही है
जो जल्द ही हो जायेगी ...
नींद जब खुल ही गई
तो .. चल .. बढ़ें ... मंजिल की ओर
कुछ पगों का फासला
कुछ और कम हो जाएगा ...
चल .. बढ़ें ... मंजिल की ओर
भोर तो होनी ही है ... ?
काश ! तुझसा होता
कोई दूजा
तो ..
यकीन मान, इतनी बेचैनियाँ न होतीं
बात ... तुझसे बिछड़ने की नहीं है
तेरी चाहत की भी नहीं है
बात .. तुझसे हमसफ़र की है
तुझसे .. हमदम ... हमकदम की है .... ?
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02
मिजाज बदलें ...
ख्यालात बदलें ...
या ख़्वाहिशें बदल लें ...
जो तुम कहो ... ?
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03
भोर तो होनी ही है
जो जल्द ही हो जायेगी ...
नींद जब खुल ही गई
तो .. चल .. बढ़ें ... मंजिल की ओर
कुछ पगों का फासला
कुछ और कम हो जाएगा ...
चल .. बढ़ें ... मंजिल की ओर
भोर तो होनी ही है ... ?
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आभार ...
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