01
उसूल औ ख़्वाब
दोनों ... जरूरी हैं जिन्दगी में
वर्ना ...
जिन्दगी बेमतलब-सी ..
नीरस-सी ..
गुजरते रहेगी .. गुजर जायेगी ..
सब .. देखते रहेंगे ...
हम .. देखते रह जाएंगे ... ?
-------
02
अब तू
तजुर्बे-औ-हुनर की बात न कर,
कभी हम भी
मील के पत्थर थे हुजूर ....... ?
-------
03
बस .. कुछ यूँ समझ लो
चापलूसी काम आ गई,
वर्ना ! आज वो ..
औंधे मुँह पड़े होते .... ?
उसूल औ ख़्वाब
दोनों ... जरूरी हैं जिन्दगी में
वर्ना ...
जिन्दगी बेमतलब-सी ..
नीरस-सी ..
गुजरते रहेगी .. गुजर जायेगी ..
सब .. देखते रहेंगे ...
हम .. देखते रह जाएंगे ... ?
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02
अब तू
तजुर्बे-औ-हुनर की बात न कर,
कभी हम भी
मील के पत्थर थे हुजूर ....... ?
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03
बस .. कुछ यूँ समझ लो
चापलूसी काम आ गई,
वर्ना ! आज वो ..
औंधे मुँह पड़े होते .... ?
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