गर
हम ... सब ... मुर्दे हो गए तो
देश हमारा ... शमशान हो जाएगा,
इसलिए
कुछ को तो
ज़िंदा रहना ही पडेगा,
तुम रहो या मैं रहूँ
या
कोई और रहे,
किसी न किसी को तो
जलना पडेगा, मशाल बनना पडेगा
गर ऐसा न हुआ तो,
चंहूँ ओर ...
घुप्प अंधेरा छा जाएगा
देश हमारा ... शमशान हो जाएगा ???
~ श्याम कोरी 'उदय'
हम ... सब ... मुर्दे हो गए तो
देश हमारा ... शमशान हो जाएगा,
इसलिए
कुछ को तो
ज़िंदा रहना ही पडेगा,
तुम रहो या मैं रहूँ
या
कोई और रहे,
किसी न किसी को तो
जलना पडेगा, मशाल बनना पडेगा
गर ऐसा न हुआ तो,
चंहूँ ओर ...
घुप्प अंधेरा छा जाएगा
देश हमारा ... शमशान हो जाएगा ???
~ श्याम कोरी 'उदय'
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