Thursday, April 10, 2014

गलतफहमी ...

तमाम तरह की तिकड़मों व तीन-पांच के बाद भी 
गर, वो हार गए, धूल चांट गए, ……....… तब ?
… 
अपना तो, सत्य-अहिंसा को समर्थन है 'उदय' 
बाकी, आगे, हर कोई मर्जी का मालिक है ??
… 
सच ! बहुत ही जल्द, मीडिया की गलतफहमी दूर होने वाली है 
क्योंकि, न तो कहीं हवा है, न लहर और न ही कहीं सुनामी है ?
… 
कोई तो उनके दिमाग का इलाज कराये 'उदय' 
ज्यादा देर, ख़्वाबों में रहना भी इक बीमारी है ?
… 
अरे भाई, कोई हमारा भी तो फतवा सुन ले 
आज से, कोई, … 
किसी भी भ्रष्टाचारी को वोट नहीं देगा ???
…  

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