तमाम तरह की तिकड़मों व तीन-पांच के बाद भी
गर, वो हार गए, धूल चांट गए, ……....… तब ?
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अपना तो, सत्य-अहिंसा को समर्थन है 'उदय'
बाकी, आगे, हर कोई मर्जी का मालिक है ??
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सच ! बहुत ही जल्द, मीडिया की गलतफहमी दूर होने वाली है
क्योंकि, न तो कहीं हवा है, न लहर और न ही कहीं सुनामी है ?
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कोई तो उनके दिमाग का इलाज कराये 'उदय'
ज्यादा देर, ख़्वाबों में रहना भी इक बीमारी है ?
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अरे भाई, कोई हमारा भी तो फतवा सुन ले
आज से, कोई, …
किसी भी भ्रष्टाचारी को वोट नहीं देगा ???
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