Saturday, February 15, 2014

सत्ता ...

जरूरतों-और-मजबूरियों के, दाम नहीं होते  
बाजार तय करता है 'उदय', कीमतें उनकी ? 
… 
सच ! 'आम आदमी' अभी मरा नहीं है 'उदय' 
फिर भी, विशेषज्ञ, पोस्ट मार्टम पे उतारू हैं ? 
… 
वक्त वक्त की बात है 'उदय' 
आज, … उनका वक्त है ?? 
… 
पहले वो सत्ता के लालची थे, और अब वो भगोड़े हैं 
उफ़ ! क्या खूब तर्क दिए हैं, सत्ता के… दलालों ने ?
… 
सब जानते हैं, सत्ता अदरक नहीं है और वो बन्दर नहीं हैं 
बस, ये बात सत्ता के सौदागरों को कौन समझाये 'उदय' ? 
… 

2 comments:

Misra Raahul said...

आपकी प्रविष्टि् कल रविवार (16-02-2014) को "वही वो हैं वही हम हैं...रविवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1525" पर भी रहेगी...!!!
- धन्यवाद

प्रवीण पाण्डेय said...

रोचक क्षणिकायें..