जरूरतों-और-मजबूरियों के, दाम नहीं होते
बाजार तय करता है 'उदय', कीमतें उनकी ?
…
सच ! 'आम आदमी' अभी मरा नहीं है 'उदय'
फिर भी, विशेषज्ञ, पोस्ट मार्टम पे उतारू हैं ?
…
वक्त वक्त की बात है 'उदय'
आज, … उनका वक्त है ??
…
पहले वो सत्ता के लालची थे, और अब वो भगोड़े हैं
उफ़ ! क्या खूब तर्क दिए हैं, सत्ता के… दलालों ने ?
…
सब जानते हैं, सत्ता अदरक नहीं है और वो बन्दर नहीं हैं
बस, ये बात सत्ता के सौदागरों को कौन समझाये 'उदय' ?
…
2 comments:
आपकी प्रविष्टि् कल रविवार (16-02-2014) को "वही वो हैं वही हम हैं...रविवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1525" पर भी रहेगी...!!!
- धन्यवाद
रोचक क्षणिकायें..
Post a Comment