'खुदा' जाने ये कैसी क़यामत है
वो सामने होकर भी अजनबी लग रहे हैं आज ?
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मुहब्बत,…… फासले से, चल रही है देख लो यारा
ऐसी सादगी को, हम … बा-अदब सलाम करते हैं ?
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अब तुम ही तय करो मुलाक़ात का वक्त
तुम समुन्दर हो …… और हमें डूबना है ?
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गुनह उनका,……काबिल-ए-माफी नहीं है 'उदय'
पहले मुस्कुराया, फिर पलट के देखा नहीं उन्ने ?
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1 comment:
वाह, बहुत अच्छा।
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