उफ़ ! गुमशुदगी दर्ज करा दी है किसी ने.. हमारे नाम की
सिर्फ हुआ इत्ता कि हम तपते बदन बाहर नहीं निकले ?
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वाह !……… यार तू बड़ा शातिर निकला
खूब नाम कमाया है तूने जूता उछाल के ?
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सच ! वे शेरों से लग रहे थे …… शेरों की भीड़ में
दुम ने उनकी, सारा मजा किरकिरा ही कर दिया ?
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सब्र कर, अब तू जान न ले
तेरे लिए ही खट रहा हूँ मैं ?
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आओ 'उदय' किसी टूटे हुए सपने को जोड़ा जाए
क्यूँ न उनकी यादों का इक घरौंदा बनाया जाए ?
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क्यूँ न उनकी यादों का इक घरौंदा बनाया जाए ?
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1 comment:
सटीक
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