बस तुम एक बार देखकर तो देखो
गर नजर न ठहर जाए तो कहना !
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अब तुम, इस तरह भी न मिला करो
कि लगे ऐसे दो अजनबी मिल रहे हैं !
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गीदड़ भभकियों की तरह मत भभका करो
कहीं, डरे हुए भी …..…… न डरें तुम से ?
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बस एक बार कह के देख लो
फिर, यकीं हो जाएगा खुद पे ?
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किसी का दिल इतना भी मत दुःख जाए यारो
कि - उसकी हरेक धड़कन से बददुआ निकले !
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3 comments:
badhiya rachna
आपकी यह पोस्ट आज के (२८ अक्टूबर , २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - कौन निभाता किसका साथ - पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई
उम्दा रचना
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