"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
पछताने के अलावा कुछ नहीं कर सकते
आ रहा है दिल्ली में चुनाव । मतदाताओं को अपने अधिकार का प्रयोग समझदारी से करना चाहिए । मेरी नई रचना :- चलो अवध का धाम
समय सबको राह दिखायेगा।
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पछताने के अलावा कुछ नहीं कर सकते
आ रहा है दिल्ली में चुनाव । मतदाताओं को अपने अधिकार का प्रयोग समझदारी से करना चाहिए ।
मेरी नई रचना :- चलो अवध का धाम
समय सबको राह दिखायेगा।
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