Wednesday, April 17, 2013

सर्टिफिकेट ...


सच ! ये "माँ" की दुआओं का ही तो असर है 'उदय' 
क़यामत की घड़ी में भी, हम सलामत चल रहे हैं !!
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आओ, करें कुछ मौज-मस्ती संग में यारा 
अकेले तुम अकेले हम, अच्छे नहीं लगते ? 
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तेरी चौखट पे, खुद-ब-खुद सिर झुक गया है मेरा 
माँ अब तू ही बता, आगे किस ओर इशारा है तेरा ?
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वो जब मिलते हैं 'उदय', तो हम हंस लेते हैं, वर्ना 
लाख बहाने भी, कम पड़ते हैं मुस्कुराने के लिए ?
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लो, वो उन्हें, नाकामयाबी का सर्टिफिकेट बांट रहे हैं 'उदय' 
जैसे, वो खुद कामयाबी की एक जीती-जागती मिशाल हों ?
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