Saturday, December 8, 2012

हित ...


तुम्हारे फैसले ...
किसके हित में है, किसके हित में नहीं है 
इसे छोडो मियाँ ... !
तुम्हारा हित ...
कब ?... कैसे ??... कितना सदा, 
इसपे भी ... तनिक बोलो ज़रा ???

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