समय समय की बात है 'उदय', दुम हिलाने की कला में
इंसा, ............... कुत्तों से भी दो कदम आगे है आज ?
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पटका-न-पटकी .................. ............ बस
चहूँ ओर ... सरकारी धन की... गटका-गटकी ?
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उनसे बेरुखी की वजह, खता या कुसूर नहीं है 'उदय'
बस, उन्हें जब देखते हैं, जी मचल उठता है अपना ?
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लो, वो मरते-मरते भी ... अपने मुल्क का नाम रौशन कर गया
और एक अपने मुल्क में, जीते-जागतों ने बदनामी की ठानी है ?
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गर, अब भी उन्ने, विवादास्पद चेहरों से मुंह नहीं मोड़ा
तो तय है 'उदय', उनकी ............... भयाभय दुर्गती ?
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