Sunday, November 25, 2012

टेंशन ...


क्यूँ जनाब, क्या हुआ ... 
क्यूँ ...
चिंता के बादल ...
सिर पे ... मंडराये हैं ? 
हुजूर ... बाई !!
कौन-सी ?
 
बोले तो ??
जनाब ... बोले तो ... 
कामवाली ?
नामवाली ?
या दामवाली ? 

हुजूर ... आप भी ... 
नामवाली ...
दामवाली ... के लिए भी ... 
कोई -
टेंशन में रहता है कभी ?

ओह-हो ... यू मीन ... 
कामवाली बाई !!
उफ्फ़ ... 
अब हम ... क्या कहें !!!

2 comments:

Rajesh Kumari said...

आपकी उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 27/11/12 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका चर्चा मंच पर स्वागत है!

ब्लॉग बुलेटिन said...

एक लौ इस तरह क्यूँ बुझी ... मेरे मौला - ब्लॉग बुलेटिन 26/11 के शहीदों को नमन करते हुये लगाई गई आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !