सच ! कल.. जो तू कहे, उस रंग में रंग जाऊँ मैं
बस आज की रात, तू रौशनी बन जा मेरे संग !!
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आओ, गले लग कर, मना लें हम दिवाली
गिले-शिकवों ...... में क्या रक्खा है यारा !
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उनकी मुस्कान, दिवाली की पहली बधाई है
लग रहा है अबकि, हम तर-बतर हो जाएंगे !
2 comments:
'प्रीति की अनुभूति' अच्छी है |
दीवाली की शुभकामनायें।
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